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बहर बनड़ी बांदर भी जान चलता है ये तो पता है न? उसका भी कोई इज़ज़त रहता है ये भी पता है?
वो भी एक इंसान ही है उसको भी तो प्यार चाहिए उसको भी इज़ज़त चाहिए उसको भी नाम चाहिए तर इसका नाम होने से नहीं होता है समझा न? इसका नाम न भजारों दे सकता है
इसका नाम दे सकता है तो पता है न? तो क्या दूँ? केला? तो केला तो मैं रोज खाता हूँ तो केला तो मैं रोज खाता हूँ तो केला तो मैं रोज खाता हूँ तो केला तो मैं रोज खाता हूँ तो केला तो मैं रोज खाता हूँ तो केला तो मैं रोज खाता हूँ तो क
मैं प्यार से केशा हूँ तो पता है प्यार से बहुत कुछ मिलता है न? प्यार इसका दिल में नफरात माँ धराओ प्यार का इसमाल
प्यार मैं तुसे ही तो प्यार पहुँचा नहीं तो पता हूँ तो प्यार ये न? प्यार इसका दिल में नफरात माँ धराओ प्यार का इसमाल